बह्मलीन महंत श्री १००८ रावतभारतीजी महाराज के जीवन अंश

💐महन्तजी के जीवन दर्शन की कुछ बाते.....💐

श्री 1008 महंतजी श्री रावतभारतीजी का जन्म गाँव ओटवाला में गुंसाई श्री गणेशभारतीजी के घर श्रीमति गंगादेवी की कोख से हुआ। बाल्यवस्था में ही महंतजी को पितृ सुख से वंचित होना पड़ा, परंतु पूर्व जन्म संस्कार वश आप मात्र 10 वर्ष की आयु में वि.स.2012 को महाशिवरात्री के दिन गोल मठ के 17वें पूज्य महंतजी श्री 1008 फुलाभारतीजी की शरण में आ गए। आपकी शिक्षा व दीक्षा यही से सम्पन्न हुई।

वि.स.2019 में पूज्य गुरुदेव को लकवा हो जाने के कारण मठ में कोई योग्य महात्मा न होने से आपको स्वार्थी लोगो से कडा संघर्ष करना पड़ा। भगवान शिलेश्वर महादेव एवं अन्नपूर्णा माताजी में आपकी अटूट श्रद्धा है।

आप मठ में प्रशासन सुधार, सन्यास आश्रम निर्माण, गौशाला निर्माण,बजरंबली एवम् नागाजी मंदिर निर्माण उनकी प्रतिष्ठा एवम् महा गायत्री यज्ञ आयोजन आदि में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 

पुरे गाँव के प्रमुखगणो ने आपको सरपंच पद के निर्वाचन हेतु पूज्य बड़े महंतजी से निवेदन भी किया और जनता का आग्रह देखकर गाँव के हित में महन्तजी ने आपको सरपंच पद की आज्ञा देदी। आपसी गुटबाजी के कारण आपको चुनाव लड़ना पड़ा और गाँव की जनता ने आपको भारी बहुमत से निर्वाचित कर ग्राम प्रशासन की बागडोर आपके हाथो में सौंपी।आपने वर्ष 1981 ई. में सरपंच पद ग्रहण कर गुटबाजी से दूर रहकर अनेको जनकल्याणकारी कार्य करवाये।

आपने अपने सरपंच कार्यकाल में 15 महत्वपूर्ण विकास कार्य करवाये। आपकी कार्यशैली देखकर गाँव में गुटबाजी कम हो गई और सरपंच का कार्यकाल पूर्ण होने पर दूसरी बार जनता के आग्रह को ठुकरा कर आपने गुरु सेवा को महत्व दिया। आपकी कार्यशैली देखकर पूज्य बड़े महंतजी के कैलाशगमन पर आपको वि.स.2048 मिगसर सुदी 12-13 को विशाल भंडारे का आयोजन किया जिसमे सैकड़ो उपस्थित लोगो की विशाल सभा ने एक ही स्वर से उन्नीसवें महंत पद पर 1008 रावतभारतीजी महाराज को आसीन करने का तप हुआ। परम्परा अनुसार आपको शिलेश्वर महादेव मंदिर में पाट पर बैठाकर पूर्व जागीरदार ठाकुर जालमसिंह ठी. बाकरा  की ओर से कु.सा. भेरोसिंहजी ने चादर ओढ़ा कर तिलक कर श्री 1008 रावतभारतीजी महाराज को गोल मठाधीश के रूप में पदासीन किया। इस शुभ अवसर पर उपस्थित मठाधीशो ने भी आपको चादर ओढ़ाकर सम्मान दिया।

आपके कार्यकाल में इस तपोभूमि के विकास के लिए कई कार्य किए गए जैसे बड़े महंतजी की प्रथम वर्षी पर  वि.स. 2049 मिगसर वदी 13 को विशाल आयोजन कर एक नई परम्परा शुरू की गई। वि.स.2049 में घुड़शाला का जीर्णोध्दार करवाया गया। वि.स.2051 में महंतजी का दो मंजिला भवन का निर्माण,2055 में अन्नपूर्णा समाधी पर बनी प्राचीन शाल का जीर्णोध्दार करवा कर संगमरमर का  विशाल शिखर युक्त मंदिर का शिलान्यास करवाया और साथ ही पोल का भी निर्माण करवाया। आपने अपने कार्यकाल में अनेको विकास कार्य करवाये जिनको लिखना असंभव है।

परमपूज्य माताश्री अन्नपूर्णाजी समाधी का जीर्णोध्दार करवा कर संगमरमर की कमलदल पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया।माताजी का साधना कक्ष परम्परानुसार बंद ही रखा गया।

गाँव उम्मेदाबाद(गोल) में राजनितिक रंजिश के कारण पिछले 30-40 वर्षो से होली पर गैर नाचना बंद है।

गोल मठ करीबन 1000 वर्षो से ज्यादा पुराना है।

श्री 1008 रावतभारतीजी महाराज के मठाधीश बनने के बाद गोल मठ ने कई नए कीर्तिमान स्थापित किए। गोल मठ के इतिहास में आपका कार्यकाल सबसे लंबा 26 वर्षो का कार्यकाल रहा।

💐महन्तजी को शत शत नमन!!💐

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